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सही म्यूचुअल फंड कैसे चुनें?

भारत में सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड चुनने का फैसला लेने से पहले, यह बेहद ज़रूरी है कि आप अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए उपलब्ध हर विकल्प के फायदे और नुकसान का विश्लेषण करें. यहां 10 बातें बताई गई हैं, जो सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड स्कीम चुनने में आपकी मदद कर सकती हैं.

  • स्व-मूल्यांकन: हमेशा अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इन्वेस्टमेंट की योजना बनानी चाहिए. एक इन्वेस्टर को अपनी आयु और फाइनेंशियल आवश्यकताओं पर विचार करना चाहिए. इक्विटी इन्वेस्टमेंट के लिए लंबी अवधि की आवश्यकता होती है, इसलिए, 50 वर्ष की उम्र में इन्वेस्ट करने वाले व्यक्ति की तुलना में 30 वर्ष पुराने इन्वेस्टर का इन्वेस्टमेंट आदर्श माना जाता है. इक्विटी और डेब्ट के बीच इन्वेस्टमेंट का डाइवर्सिफिकेशन, इन्वेस्टर की आयु पर विचार करते हुए किया जाना चाहिए.
  • एक्जिट लोड: स्कीम के बीच ट्रांसफर/स्विच करते समय या रिडीम करते समय यह शुल्क लिया जाता है. रिडेम्पशन या ट्रांसफर/स्विच करने के दौरान एक्जिट लोड %age एनएवी में से घटा दिया जाता है. "नो लोड स्कीम" नामक कुछ ऐसी स्कीम भी हैं जिसमें कोई शुल्क नहीं लगता है. निवेश करते समय हर निवेशक को इस शुल्क को ध्यान में रखना चाहिए.
  • शामिल जोखिम: अधिकांश सिक्योरिटीज़ में इन्वेस्टमेंट के साथ जोखिम का अलग-अलग स्तर भी होता है. एक अच्छा म्यूचुअल फंड, समान जोखिम पर दूसरों की तुलना में अधिक रिटर्न प्रदान करता है. इन कारकों के बीच संतुलन प्राप्त करने से पहले, अनुमानित जोखिम की गणना करने पर आपको अधिकतम रिटर्न पाने में मदद मिलेगी. इसके लिए ज़रूरी है कि इन्वेस्टर अपनी जोखिम सहने की क्षमता का विश्लेषण करें.
  • एसेट एलोकेशन: आमतौर पर एक विशेष सेक्टर, स्टॉक या एसेट कैटेगरी पर आधारित पोर्टफोलियो की तुलना में अलग-अलग सेक्टर पर आधारित पोर्टफोलियो में कम जोखिम होता है. स्टॉक, डेब्ट, गोल्ड, इंडेक्स फंड आदि पर अपनी एसेट आवंटित करना समझदारी है.
  • परफॉर्मेंस में निरंतरता: इन्वेस्टमेंट करने से पहले शॉर्ट टर्म रिटर्न के बजाय 4-10 वर्ष जैसे लॉन्ग टर्म में फंड के लगातार परफॉर्मेंस पर नज़र रखने की सलाह दी जाती है. तब, आपके लिए उन स्कीम को चुनना आसान होगा, जो रिटर्न के मामले में अपने बेंचमार्क इंडेक्स को पीछे छोड़ते हैं. साथ ही, प्रतिस्पर्धियों के साथ उनके रिटर्न की तुलना आसानी से की जा सकेगी.
  • बेहतर फंड हाउस: अपने पसंदीदा फंड के लिए खोज के फिल्टर को सीमित करने से पहले, ऐसे फंड हाउस चुनें, जिनकी, बाज़ार में अच्छी गुडविल हो. इन फंड हाउसों की मज़बूत उपस्थिति के साथ-साथ बेहतर और प्रामाणिक ट्रैक रिकॉर्ड होना चाहिए. बेहतर फंड हाउस, कड़ी मेहनत से कमाए गए आपके पैसे को कुशलता से संभालना और उसका सही से मैनेजमेंट किया जाना सुनिश्चित करेगा,
  • ध्यान रखें: “म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार के जोखिमों के अधीन हैं, स्कीम से संबंधित सभी डॉक्यूमेंट को सावधानीपूर्वक पढ़ें”. इन्वेस्टर को अतिरिक्त जानकारी (एसएआई)/मुख्य सूचना ज्ञापन (केआईएम)/स्कीम इन्फॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (एसआईडी) के स्टेटमेंट पर ध्यान देना चाहिए.
  • इन्वेस्टमेंट का उद्देश्य: आमतौर पर, एक इन्वेस्टर यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सेविंग से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की आपकी क्षमता में वृद्धि हो. इन्वेस्टमेंट को लक्ष्य की अवधि के हिसाब से होना चाहिए. इससे म्यूचुअल फंड का प्रकार तय होता है.
  • एक स्कीम पर्याप्त नहीं हो सकतीः कुछ इन्वेस्टर को मार्केट लिंक्ड रिटर्न के लिए एफएमपी की आवश्यकता होती है, जबकि कुछ लोग सेक्शन 80सी के तहत टैक्स लाभ के लिए ईएलएसएस में इन्वेस्ट करना पसंद कर सकते हैं. अपनी ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए आपको एक से अधिक स्कीम में इन्वेस्ट करना पड़ सकता है.
  • फंड का साइज़: बड़ा फंड बेहतर माना जाता है, क्योंकि बड़े फंड में कम लागत आती है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि फंड का खर्च कई बड़े एसेट में बंट जाता है. दूसरी ओर, इसमें कुछ कमियां भी होती हैं, कि बड़े फंड को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है.

डिस्क्लेमर
यहां दी गई जानकारी केवल सामान्य पढ़ने के उद्देश्य से है तथा यहां व्यक्त किए गए विचार केवल राय हैं और इसलिए इन्हें पाठकों के लिए दिशानिर्देश, सिफारिश या प्रोफेशनल गाइड के रूप में नहीं माना जा सकता है. इंडस्ट्री और मार्केट से संबंधित कुछ तथ्य और सांख्यिकीय जानकारी (ऐतिहासिक और अनुमानित) स्वतंत्र थर्ड पार्टी स्रोतों से प्राप्त की गई हैं, जिन्हें विश्वसनीय समझा जाता है. यहां यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि, क्योंकि एनएएम इंडिया (पूर्व में रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड) ने ऐसी जानकारी या डेटा की सटीकता या प्रामाणिकता को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया है, या इस मामले में ऐसे डेटा और जानकारी को प्रोसेस या प्राप्त की गई धारणाओं के उचित होने का सत्यापन नहीं किया है; इसलिए एनएएम इंडिया (पूर्व में रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड) ऐसे डेटा और जानकारी की सटीकता या प्रामाणिकता के लिए किसी भी तरह से ज़िम्मेदार या उत्तरदाई नहीं है. इस सामग्री में शामिल कुछ स्टेटमेंट और दावे एनएएम इंडिया (पहले रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड) के विचार या राय दर्शा सकते हैं, जो इस तरह के डेटा या जानकारी के आधार पर बनाए गए हों.

कोई भी निवेश करने से पहले, पाठकों को एक सूचित निवेश निर्णय पर पहुंचने के लिए स्वतंत्र पेशेवर सलाह प्राप्त करने और सभी सामग्रियों का सत्यापन करने की सलाह दी जाती है. कोई भी प्रायोजक, इन्वेस्टमेंट मैनेजर, ट्रस्टी, उनसे संबंधित निदेशक, कर्मचारी, सहयोगी या प्रतिनिधि इस सामग्री में निहित जानकारी से उत्पन्न होने वाली हानि सहित, किसी भी प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष, विशेष, आकस्मिक, परिणामी, दंडात्मक या अनुकरणीय क्षति के लिए किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं होंगे.

म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिमों के अधीन हैं, स्कीम से जुड़े सभी दस्तावेज़ों को ध्यान से पढ़ें.


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