कम नुकसान करना भी अच्छे रिटर्न प्राप्त करने जितना ही महत्वपूर्ण है
फाइनेंशियल मार्केट में निवेश की प्रक्रिया उतार-चढ़ावों से भरी होती है. आपके द्वारा चुने गए
निवेश विकल्प चाहे कितने ही अच्छे हों, अगर आप अधिक रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको अधिक जोखिम भी लेना ही होगा. निवेश में जोखिम की यह बात आपको अपना निवेश बुद्धिमानी और सावधानी से प्लान करने में मदद कर सकता है.
बहुत से निवेशक अपने निवेश की वैल्यू गिरते हुए देखकर भयभीत हो जाते हैं और पैनिक सेलिंग करने लग जाते हैं. अगर उन्होंने सिक्योरिटीज़ का चुनाव बिना किसी रिसर्च के और सिर्फ जल्दी से कुछ पैसा बनाने के लिए किया है, तो उनका भयभीत हो जाना लाजिमी भी है. लेकिन अगर उन्हें अपने चुनाव पर विश्वास है और वे मार्केट में लॉन्ग-टर्म तक निवेश को बनाए रखने वाले हैं, तो उन्हें इस बात की जानकारी होगी कि इस तरह के उतार-चढ़ाव और नुकसान फाइनेंशियल मार्केट में निवेश प्रक्रिया का एक हिस्सा मात्र हैं.
यह बात चाहे कितनी भी सही हो, इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि आप पैसों का नुकसान होने के बारे में चिंता न करें. हम सभी गलतियां करते हैं, लेकिन हमें उन्हें स्वीकार करना चाहिए और सुधारना चाहिए. अगर जीवन की बात करें, तो इस सलाह का पालन करना आसान काम नहीं है, लेकिन फाइनेंशियल मार्केट में अपनी गलतियों से सीखना उतना मुश्किल नहीं है.
अपने निवेश पर कम नुकसान करना भी बहुत महत्वपूर्ण है
विभिन्न निवेश विकल्प अलग-अलग प्रकार की अस्थिरता और जोखिम के साथ आते हैं. यह बात विभिन्न एसेट क्लास और यहां तक कि एसेट क्लास के भीतर भी लागू होती है. उदाहरण के लिए, स्टॉक को बॉन्ड से अधिक जोखिम वाला माना जाता है, इसी तरह इक्विटीज़ के भीतर स्माल कैप स्टॉक को लार्ज कैप स्टॉक के मुकाबले अधिक जोखिम भरा माना जाता है. जब जोखिम का यह कारक हमारे पक्ष में होता है, यानि हमें अपने निवेश पर फायदा हो रहा होता है, तो हम इस बारे में सवाल नहीं करते हैं और अपने चुनाव पर खुश होते हैं. लेकिन जब यह हमारे विपरीत हो जाता है, तो हम चिंतित हो जाते हैं. इस चिंता को कम करने के लिए, यह बहुत ज़रूरी है कि हम ऐसा निवेश विकल्प चुनें, जो हमें अच्छा फायदा दे और कम नुकसान कराए.
आइए, इसे एक उदाहरण से समझते हैं : आप निम्नलिखित स्टॉक में से कौन सा पसंद करेंगे? स्टॉक A चढ़ते मार्केट में 45% का फायदा देता है, जबकि गिरावट होने पर 40% गिर जाता है. वहीं स्टॉक B चढ़ते मार्केट में 38% का फायदा देता है, जबकि गिरावट होने पर 28% गिर जाता है. जाहिर सी बात है, 45% रिटर्न 38% रिटर्न के मुकाबले बेहतर है, लेकिन यहां हम स्टॉक B का विकल्प चुनेंगे, क्योंकि इसमें गिरावट स्टॉक A के मुकाबले काफी कम रही थी. इसलिए अगर मार्केट में गिरावट आने पर यह भी मार्केट के साथ गिरता है, तो भी यह स्टॉक A के मुकाबले आपकी पूंजी को बेहतर तरीके से बचा सकता है.
आइए, इस उदाहरण को आंकड़ों से समझते हैं. अगर हमने दोनों स्टॉक में ₹ 10,000 का निवेश किया है, तो बताए गए प्रतिशत और उतार और चढ़ाव के चक्र के बाद, स्टॉक A में हमारा पैसा ₹ 8,700 हो जाता है, जबकि स्टॉक B में यह ₹ 9,936 तक कम हो जाता है. इस प्रकार से, कम गिरावट के कारण स्टॉक B आपकी पूंजी की बेहतर तरीके से सुरक्षा करने में सक्षम है. इस प्रकार, जब मार्केट के वापस ऊपर की ओर जाने पर स्टॉक B में आपके द्वारा निवेशित धन से स्टॉक A के मुकाबले अधिक रिटर्न मिलने की संभावनाएं होंगी.
गिरावट के लिए तैयार रहें
ऊपर दिए गए उदाहरण से स्पष्ट है, अपनी निवेशित पूंजी को बढ़ते हुए देखने से अधिक महत्वपूर्ण इसे सुरक्षित रखना है. इस जानकारी के साथ, आप ऐसी सिक्योरिटीज़ का चुनाव कर सकते हैं, जो फाइनेंशियल मार्केट में आने वाली गिरावट से आपके पोर्टफोलियो को सुरक्षित करेगी और इसमें नुकसान कम से कम होने देगी, ताकि जब मार्केट वापस ऊपर चढ़े, तो आप बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकें.
आपके पास चुनने के लिए कई निवेश विकल्प हैं, और
म्यूचुअल फंड इनमें एक बेहतरीन विकल्प है. ये फंड आपके पोर्टफोलियो को ऑटोमैटिक रूप से विविधता प्रदान करते हैं, जिसके कारण वे व्यक्तिगत स्टॉक होल्डिंग की तुलना में गिरावट का अधिक बेहतर तरीके से सामना कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड का संयोजन विभिन्न रणनीतियां प्रदान करता है और विभिन्न मार्केट सेगमेंट में निवेश करता है, और आपके लिए आदर्श विकल्प हो सकता है. तो आगे बढ़ें और अपने नुकसान को सीमित करें.