होमनिवेशक शिक्षामिथ बस्टर कंटेंट एडिटर R[1]C कंटेंट एडिटर R[2]C मिथ बस्टर मिथ: म्यूचुअल फंड केवल अनुभवी निवेशकों के लिए हैं. मिथ: म्यूचुअल फंड के लिए बड़े निवेश की आवश्यकता होती है मिथ: म्यूचुअल फंड में बहुत जोखिम हैं. मिथ: म्यूचुअल फंड केवल अनुभवी निवेशकों के लिए हैं. सच: म्यूचुअल फंड पहली बार निवेश कर रहे लोगों के लिए आदर्श होते हैं क्योंकि इसमें पैसों का मैनेजमेंट एक्सपर्ट्स द्वारा किया जाता है. अगर आप निवेश की दुनिया में नए आएं है लेकिन आप अपनी संपत्ति बढ़ाना चाहते हैं, तो ज़्यादा न सोचें. म्यूचुअल फंड से शुरूआत करना एक अच्छा सुझाव है. लेकिन हर फंड के बारे में पता लगाना कैसे शुरू करें ? चिंता न करें! नए निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड के बेहतरीन विकल्प होने का एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि आपको प्रोफेशनल और एक्सपर्ट फंड मैनेजर की सुविधा मिलती है जो स्कीम में आपके द्वारा किए गए निवेश को मैनेज करता है और यह सुनिश्चित करता है कि कई सिक्योरिटीज़ में निवेश के माध्यम से आपके जोखिम को कम किया जा सके. म्यूचुअल फंड की प्रत्येक स्कीम एक निवेश उद्देश्य के साथ-साथ फंड मैनेजर के साथ आती है, जो मार्केट पर पैनी नज़र रखता है और निवेशकों के पैसों को मैनेज करने की ज़िम्मेदारी के साथ आने वाली जटिलताओं से भली-भांति परिचित होता है. रिसर्च और मार्केट के वर्तमान विश्लेषण की सहायता से, फंड मैनेजर निवेश की अवधि को सही तरीके से मैनेज करते हैं और उनका लक्ष्य होता है कि आपको तुलनात्मक रूप से अच्छे रिटर्न मिलें. साथ ही, उनके पास मार्केट में फंड के परफॉर्मेंस को ट्रैक करने के लिए बेहतर समझ होती है, जिस वजह से वे सही निर्णय लेने के लिए बेहतर स्थिति में होते हैं और अज्ञात सिक्योरिटीज़ में निवेश के जोखिम को कम करते हैं. इसलिए निवेश की दुनिया में नए होने के कारण आपको डरने की ज़रूरत नहीं है. आश्वस्त रहें, आपकी मदद के लिए हर समय एक प्रोफेशनल काम करता रहेगा. मिथ: म्यूचुअल फंड के लिए बड़े निवेश की आवश्यकता होती है तथ्य: आप म्यूचुअल फंड स्कीम में प्रति माह ₹ 500 की एसआईपी के माध्यम से निवेश करना शुरू कर सकते हैं. यह सबसे बड़े मिथकों में से एक है, जिसे पिछले कुछ वर्षों में दूर किया गया है. अधिकांश फंड आपको उनके शेयरों में ₹500 प्रति माह की न्यूनतम राशि के साथ निवेश करने की अनुमति देते हैं. सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लानिंग (एसआईपी) आपको एक अवधि के दौरान, नियमित रूप से छोटी-छोटी राशि निवेश करके धन संचित करने में मदद कर सकती है. एसआईपी आपको हर महीने एक निर्दिष्ट तिथि पर यूनिट खरीदने की सुविधा देती है, जो किसी इन्वेस्टमेंट प्लान को बनाए रखने में मदद करती है. एसआईपी में निवेश करने के लिए, आपको मार्केट का अनुमान लगाने की आवश्यकता नहीं है. अगर आप मार्केट के बारे में ज़्यादा नहीं जानते हैं, तो मार्केट का अनुमान लगाने के चक्कर में आप अवसरों को खो सकते हैं. मार्केट का अनुमान लगाने के बजाय, नियमित रूप से निवेश करना यह सुनिश्चित करता है कि मार्केट चढ़े या गिरे, आप निवेश में बने रहेंगे. एसआईपी आपको मार्केट के उतार-चढ़ाव का सामना करने में मदद करती है और मार्केट में आपका निवेश बना रहता है. वैसे तो लंबी अवधि के निवेश से बड़े लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं, लेकिन अपनी फाइनेंशियल स्थिति के आधार पर आप यह तय कर सकते हैं कि आप एसआईपी से पैसे निकालना चाहते हैं या निवेश की वैल्यू को कम/ज़्यादा करना चाहते हैं. निवेश शुरू करने के लिए आपको बड़े निवेश की आवश्यकता नहीं है. एसआईपी आपको लंबे समय तक धन कमाने के लिए एक निवेश प्लान बनाने में मदद कर सकती है. मिथ: म्यूचुअल फंड में बहुत जोखिम हैं. तथ्य: म्यूचुअल फंड स्कीम विभिन्न सिक्योरिटीज़ में निवेश करती हैं, जो आपके निवेश संबंधी जोखिम में विविधता लाने में मदद करती हैं. सिक्योरिटीज़ में निवेश को विभिन्न इंडस्ट्रीज़ और क्षेत्रों में फैला दिया जाता है, जिससे म्यूचुअल फंड से जुड़ा जोखिम कम हो जाता है. निवेश का अधिकतम लाभ उठाने के लिए फंड मैनेजर आपको अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने में मदद करता है. विविधीकरण के माध्यम से, पोर्टफोलियो का जोखिम कम हो जाता है क्योंकि जिन एसेट्स में निवेश किया जाता है, उनके व्यवहार अलग-अलग होते हैं. ये एसेट्स इक्विटी से लेकर डेट और गोल्ड फंड तक हो सकते हैं. निवेश का मुख्य लक्ष्य धन कमाना और आपकी आय में वृद्धि करना है. म्यूचुअल फंड की वैल्यू वे एसेट निर्धारित करते हैं जिनमें फंड द्वारा निवेश किया गया है. ये एसेट डेट निवेश, इक्विटी निवेश, लिक्विड निवेश या गोल्ड निवेश हो सकते हैं. इन सभी कैटेगरी के एसेट की मेच्योरिटी अवधि अलग-अलग होती है, जिसके कारण पोर्टफोलियो का जोखिम कम हो जाता है. एसेट में उतार-चढ़ाव से फंड मैनेजर को पोर्टफोलियो के परफॉर्मेंस को निर्धारित करने में मदद मिलती है. म्यूचुअल फंड की वैल्यू ट्रेडिंग डे के अंत में निर्धारित की जाती है और मार्केट में उतार-चढ़ाव म्यूचुअल फंड की प्राइस पर प्रभाव डाल सकते हैं. लेकिन, इससे फंड का जोखिम नहीं बढ़ता है क्योंकि पोर्टफोलियो का कई एसेट क्लास में विविधीकरण किया जाता है. पेज के कंटेंट