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इस सप्ताह की फाइनेंशियल टर्म - रिटायरमेंट फंड

रिटायरमेंट जीवन का एक ऐसा पड़ाव है, जिसका इंतज़ार करते हुए आप इसके लिए प्लान बनाते हैं. रिटायरमेंट अक्सर व्यक्ति की जिंदगी में महत्वपूर्ण लॉन्ग-टर्म लक्ष्यों में से एक होता है. इसके लिए पहले से निवेश करना और रिटायरमेंट तक उस पैसे को न तो रिडीम या न ही उसे निकालना बेहतर होता है. यह निवेश रिटायर होने के बाद आपके लिए इनकम का स्रोत बन सकता है. साथ ही, जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, इक्विटी और डेट के लिए आपका एलोकेशन, आपकी जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर बदल सकता है. अपने रिटायरमेंट संबंधी लक्ष्यों को पाने में आपकी मदद करने के लिए, रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड स्कीम उपलब्ध हैं.

रिटायरमेंट फंड सॉल्यूशन-आधारित म्यूचुअल फंड, वे स्कीम हैं, जिसके तहत इन्वेस्टर विशेष रूप से अपने रिटायरमेंट लक्ष्यों के लिए इन्वेस्ट कर सकते हैं. ये 5 साल की लॉक-इन अवधि या रिटायरमेंट आयु तक लॉक-इन (जो भी पहले हो) सुविधा के साथ आते हैं. आप अपनी रिटायरमेंट आयु से पहले भी रिडीम कर सकते हैं, लेकिन आदर्श रूप से, अगर आप रिटायरमेंट के लिए कोई फंड बनाना चाहते हैं, तो आपके लिए निवेश को बनाए रखना बेहतर हो सकता है. रिटायरमेंट के बाद; रिटायरमेंट फंड, आपको सिस्टमेटिक निकासी प्लान (एसडब्ल्यूपी) के रूप में नियमित रूप से मासिक आय प्रदान करता है.

इस फंड को एकमुश्त राशि के रूप में या ऊपर बताए गए एसडब्ल्यूपी के रूप में रिडीम किया जा सकता है. रिटायरमेंट फंड के लिए किया गया निवेश, रिटायरमेंट के बाद आपके खर्चों को पूरा करने में आपकी मदद कर सकता है. ये फंड अपनी निवेश स्ट्रेटजी के आधार पर इक्विटी, इक्विटी से संबंधित और फिक्स्ड-इनकम सिक्योरिटीज़ में इन्वेस्टमेंट करते हैं.

रिटायरमेंट फंड दो तरह के हो सकते हैं-

  • इक्विटी-आधारित
  • डेट-आधारित

आपकी जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश के उद्देश्य के आधार पर, आप अपनी आवश्यकता के अनुसार बेहतर तरीके चुन सकते हैं.

रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड के फायदे

  • इसकी सहायता से आप रिटायरमेंट के बाद नियमित इनकम फ्लो जनरेट करने के उद्देश्य से अपने भविष्य के लिए प्लान कर सकते हैं. (एसडब्ल्यू के इस्तेमाल से, ये रिटायरमेंट के बाद आपको पैसे के फ्लो बरकरार रखने में मदद करते हैं).
  • ये कम से कम 5 वर्ष या रिटायरमेंट की आयु, जो भी पहले हो, की लॉक-इन अवधि के साथ आते हैं. इससे यह सुनिश्चित होता है कि निवेश अनुशासित रूप से किया जा रहा है.

रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड में किन्हें निवेश करना चाहिए?

वे निवेशक, जो लंबे समय के लक्ष्य के लिए अनुशासित होकर निवेश करना चाहते हैं, और जिन्हें कम से कम 5 वर्ष या रिटायरमेंट आयु तक अपने पैसे को लॉक करने में कोई परेशानी नहीं है, वे रिटायरमेंट फंड पर विचार कर सकते हैं.

ये फंड ऐसे निवेशकों के लिए भी उपयुक्त हैं, जो रिटायरमेंट जैसे लंबे समय के लक्ष्य के लिए निवेश करना चाहते हैं, लेकिन मार्केट की अस्थिरता से परेशान हो जाते हैं और अपने निवेश को रिडीम करते हैं. क्योंकि, लक्ष्य लंबे समय के निवेश के लिए है, इसलिए ये आपको कंपाउंडिंग की शक्ति के फायदे प्राप्त करने में भी मदद कर सकते हैं. इसी के साथ, रुपये की औसत लागत, मार्केट के गिरने पर मार्केट के नीचे जाने पर अधिक यूनिट खरीदकर और ऊपर बढ़ने पर कम खरीदारी द्वारा मार्केट की अस्थिरता से निपटने में आपकी मदद कर सकते हैं.

रिटायरमेंट फंड पर टैक्सेशन

स्कीम के नीति के आधार पर, इसे कैपिटल गेन टैक्स की गणना के उद्देश्य से या तो इक्विटी या इक्विटी स्कीम के अलावा वर्गीकृत किया जा सकता है.

इक्विटी-आधारित स्कीम के लिए-

शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (एसटीसीजी) टैक्स- 12 महीने से कम अवधि के निवेश के लिए, कैपिटल गेन को एसटीसीजी माना जाता है, जिस पर मौजूदा समय में 15% पर टैक्स लगाया जाता है.

लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) टैक्स - 12 महीने से ज़्यादा अवधि के निवेश के लिए, कैपिटल गेन को एलटीसीजी माना जाता है, जिस पर मौजूदा समय में 10% तक टैक्स लगाया जाता है, अगर आपका कैपिटल गेन ₹1 लाख या उससे ज़्यादा है और वह ग्रैंडफादरिंग क्लॉज़ के तहत आता है. यह क्लॉज़ मूल रूप से 31 जनवरी '18 से पहले किए गए सभी लाभों को किसी भी टैक्स से छूट देता है.

इक्विटी-आधारित स्कीम के अलावा अन्य स्कीम के लिए-

शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (एसटीसीजी) टैक्स- अगर आपकी होल्डिंग अवधि 36 महीने से ज़्यादा नहीं है, तो कैपिटल गेन को एसटीसीजी के रूप में माना जाता है, जिसके लिए निवेशक पर मौजूदा समय में लागू स्लैब टैक्स दरों के अनुसार टैक्स लगाया जाता है.

लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) टैक्स- 36 महीने से ज़्यादा की होल्डिंग अवधि के लिए, कैपिटल गेन को एलटीसीजी के तहत माना जाता है, जिसके लिए मौजूदा समय में इंडेक्सेशन (प्रवासी निवेशकों के लिए) के साथ 20% पर टैक्स लगाया जाता है.


डिस्क्लेमर:
निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी: सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को वन-टाइम केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) की प्रक्रिया से गुजरना होगा. निवेशकों को केवल रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड में ही निवेश करना चाहिए, जिन्हें सेबी की वेबसाइट पर 'इंटरमीडियरी/मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन' के तहत वेरिफाई किया गया है. अपनी शिकायतों के निवारण के लिए, कृपया www.scores.gov.in पर जाएं. केवाईसी की अधिक जानकारी, विभिन्न विवरणों में परिवर्तन और शिकायतों के निवारण के लिए कृपया mf.nipponindiaim.com/investoreducation/what-to-know-when-investing पर जाएं. यह निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड द्वारा निवेशक को शिक्षित और जागरूक करने की पहल है.

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