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म्यूचुअल फंड के साथ अपने रिटायरमेंट की योजना कैसे बनाएं

जीवन में देर-सबेर हम सब यह ज़रूर सोचते हैं कि रिटायरमेंट के बाद क्या होगा. हालांकि, काम करने के शुरुआती वर्षों में, जब हम युवा होते हैं, तो हम इसे हल्के में लेते हैं, लेकिन जीवन की परिस्थितियां हमारे सामने समस्या खड़ा करती हैं और हमें चिंतित करती हैं. निश्चित रूप से, आपकी लाइफस्टाइल को तब एक सुरक्षित कल की ज़रूरत होती है, जब आय के प्रवाह में धीरे-धीरे मंदी आएगी और बढ़ती महंगाई के कारण आपको अपने खर्चे को पूरा करना मुश्किल लगने लगेगा. इसलिए, अपनी रिटायरमेंट की योजना बनाना वास्तव में एक महत्वपूर्ण फाइनेंशियल लक्ष्य है और उस लक्ष्य को पाने के लिए आप म्यूचुअल फंड के साथ अपने रिटायरमेंट की योजना बना सकते हैं.

म्यूचुअल फंड की मदद से अपना रिटायरमेंट प्लान करने के लिए, यह आवश्यक है कि एक इन्वेस्टर के तौर पर, आपको पता होना चाहिए कि रिटायरमेंट प्लानिंग कैसे काम करती है. यह शुरुआती चरणों में फंड इन्वेस्ट करने से शुरू होता है, इस समय आप युवा होते हैं, आपकी देनदारियां कम होती हैं और जोखिम लेने की क्षमता अधिक होती है. धीरे-धीरे पैसा जुड़ता जाता है और आखिर में जब पैसों की सबसे अधिक ज़रूरत पड़ती है, तो आपको भुगतान और निकासी का विकल्प मिलता है. म्यूचुअल फंड, आपके रिटायरमेंट प्लान के उद्देश्य को पूरा करने के लिए इसी रास्ते को फॉलो करते हैं.

सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान
रिटायरमेंट प्लानिंग के उद्देश्य से युवावस्था में सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) शुरू करना, रिटायरमेंट की योजना बनाने की दिशा में पहला कदम साबित हो सकता है. एसआईपी के माध्यम से आप नियमित रूप से समय-समय पर एक निश्चित राशि इन्वेस्ट कर सकते हैं और कंपाउंडिंग की शक्ति के माध्यम से बेहतर लाभ पा सकते हैं. हालांकि, म्यूचुअल फंड की मदद से अपना रिटायरमेंट प्लान करने के लिए, आपको उपलब्ध फंड के प्रकार को समझना ज़रूरी है. फंड के प्रकार को आप आपकी आवश्यकता, जोखिम लेने की क्षमता, इन्वेस्टमेंट की अवधि आदि के आधार पर चुन सकते हैं. रिटायरमेंट के लिए सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड के कुछ प्रकार हैं:

डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड
विभिन्न प्रकार के इक्विटी फंड में इन्वेस्ट करने से यह स्कीम बेहतर बनता है. हालांकि, इसमें उच्च रिटर्न मिल सकता है, लेकिन यह काफी जोखिम भरा भी है. अगर आप कम उम्र में इन्वेस्ट करना शुरू करते हैं, तो इक्विटी लंबे समय में अच्छा रिटर्न देती है. इस तरह, एक अच्छा खासा इन्वेस्टमेंट फंड तैयार हो जाता है.

थीमैटिक/सेक्टर फंड
ये फंड उस सेक्टर के साथ खास तौर पर जुड़े होते हैं, जिसमें आप इन्वेस्ट करना चाहते हैं. साथ ही, इन पर जोखिम भी ज़्यादा होता है. एग्रेसिव इन्वेस्टर के लिए, मिड-कैप, स्मॉल कैप और वेरी स्मॉल कैप वाले शेयर उचित विकल्प होते हैं. ये फंड आर्थिक मापदंडों के प्रति संवेदनशील होते हैं और हर साल कोई न कोई नया शेयर बेहतर परफॉर्मेंस करता है.

एसेट एलोकेशन फंड
यह एक ऐसा फंड है, जो आपके पोर्टफोलियो को व्यापक बनाता है और घरेलू और विदेशी स्टॉक और बॉन्ड, सरकारी सिक्योरिटीज़, गोल्ड बुलियन और रियल एस्टेट के स्टॉक सहित विभिन्न प्रकार के इन्वेस्टमेंट करता है. इनमें से कुछ फंड, विभिन्न क्षेत्रों के बीच 'एलोकेट किए गए अनुपात' को अपेक्षाकृत स्थिर रखते हैं. जबकि अन्य फंड, मार्केट की स्थितियों में बदलाव के साथ ही बदलते रहते हैं.

ईएलएसएस फंड
यह आपके लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट और टैक्स सेविंग, दोनों के लिए सबसे अनुकूल स्कीम है. इस स्कीम में भी डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड मिलते हैं, लेकिन इनकी लॉक-इन अवधि केवल तीन वर्ष की होती है और इन पर भी टैक्स लगता है. इसलिए, लाभांश (डिवीडेंड) और पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन), दोनों ही धारा 80सी के तहत टैक्स फ्री होते हैं. इक्विटी से जुड़े होने के कारण ये, टैक्स सेविंग के लाभ के साथ ही बेहतर रिटर्न देते हैं.




एसआईपी का मतलब है सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान. इसमें आप एक निश्चित अवधि के अंतराल पर, किसी तय राशि को नियमित रूप से इन्वेस्ट कर सकते हैं और कंपाउंडिंग रिटर्न के माध्यम से बेहतर लाभ पा सकते हैं.

यहां दी गई जानकारी सामान्य तौर पर केवल पढ़ने के लिए है. यहां व्यक्त किए गए विचार केवल राय हैं. इसलिए, इन्हें पाठकों के लिए दिशानिर्देश, सुझाव या प्रोफ़ेशनल मार्गदर्शक के रूप में नहीं माना जा सकता है. ये डॉक्यूमेंट सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी, आंतरिक रूप से तैयार किए गए डेटा और अन्य विश्वसनीय स्रोतों के आधार पर तैयार किए गए हैं. स्पॉन्सर, इन्वेस्टमेंट मैनेजर, ट्रस्टी या उनका कोई भी डायरेक्टर, कर्मचारी, सहयोगी या प्रतिनिधि ("संस्थाएं और उनके सहयोगी") ऐसी किसी जानकारी के सटीक होने, पूरी होने, पर्याप्त होने और भरोसेमंद होने की कोई ज़िम्मेदारी या वारंटी नहीं नहीं लेते हैं. यह जानकारी पाने वालों को सलाह दी जाती है कि वे अपने विश्लेषण, व्याख्या और जांच पर ही भरोसा करें. पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे इन्वेस्टमेंट से जुड़ा निर्णय सोच-समझकर लेने के लिए, किसी स्वतंत्र प्रोफेशनल की सलाह लें. इस कॉन्टेंट को तैयार करने या जारी करने में शामिल व्यक्तियों के साथ-साथ संस्थाएं और उनके सहयोगी किसी भी ऐसे प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष, विशेष, आकस्मिक, परिणामी, दंडात्मक या किसी अन्य नुकसान के लिए ज़िम्मेदार नहीं होंगे. इस कॉन्टेंट में निहित जानकारी से होने वाले लाभ के नुकसान के कारण भी शामिल हैं. इस डॉक्यूमेंट के आधार पर लिए गए किसी भी निर्णय के लिए केवल प्राप्तकर्ता ही पूरी तरह से ज़िम्मेदार होंगे.

म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिमों के अधीन हैं, स्कीम से जुड़े सभी दस्तावेज़ों को ध्यान से पढ़ें.


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