सारांश: भारत में म्यूचुअल फंड लोकप्रिय हो रहे हैं और इनके प्रति बढ़ती जागरूकता के साथ लोग इनमें ज़्यादा निवेश कर रहे हैं. हां, इसमें जोखिम शामिल है, लेकिन जोखिम के बिना लाभ भी संभव नहीं है. इसलिए यह जानना आवश्यक है कि म्यूचुअल फंड क्या हैं, इनके विभिन्न प्रकार क्या हैं और एनएवी क्या है. और अगर आप इसके बाद भी अपने पैसे को स्वयं मैनेज करने से घबराते हैं, तो आप एक फंड मैनेजर का सहारा ले सकते हैं या एक विश्वसनीय एसेट मैनेजमेंट कंपनी से संपर्क कर सकते हैं.
भारत में म्यूचुअल फंड पिछले कुछ वर्षों में काफी लोकप्रिय बन गए हैं, लेकिन कई लोग इन्हें अभी भी पूरी तरह समझ नहीं पाए हैं और इनमें निवेश करने से घबराते हैं. लेकिन कहते हैं न कि- "जोखिम के बिना लाभ नहीं". इसलिए, हां! इनमें कुछ जोखिम ज़रूर है, लेकिन इसके अलावा पैसे को सुरक्षित रखने के क्या विकल्प उपलब्ध हैं, और अगर पैसे को अतिरिक्त रूप से बढ़ाना हो, तो कुछ जोखिम क्यों न लिया जाए? और, अगर आप एक अच्छी आय प्राप्त कर रहे हैं, तो आप टैक्स की बचत कैसे करेंगे? यह भी ज़रूरी नहीं है कि आप केवल एफडी में निवेश करें. इन सभी सवालों का जवाब है म्यूचुअल फंड निवेश. ऐसा करने से पहले, आपको इसकी मूल जानकारी होनी चाहिए. इसे आसानी से समझने के लिए, मान लें कि आपके 5 दोस्त हैं, और हर दोस्त कुछ पैसे का निवेश करना चाहता है.आपने इस फंड के लिए एक उद्देश्य तय कर लिया है और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपके फंड में अगले 3 वर्षों में कुछ प्रतिशत की बढ़ोतरी हो. हर दोस्त एक अलग राशि का निवेश करना चाहता है, लेकिन आप में से कोई इसका सबसे उत्तम तरीका नहीं जानता है.
पूरी बात का निष्कर्ष यह है कि, इस एकत्रित फंड को ही म्यूचुअल कहा जाता है और म्यूचुअल फंड मैनेजर इसे इन्वेस्ट करने का काम करते हैं. इन्हें सिक्योरिटीज़ की मार्केट वैल्यू के बारे में जानकारी होती है और ये अपने जानकारी के आधार पर, स्कीम के उद्देश्य के अनुसार, एक इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो बनाते हैं. इन फंड्स को केवल एक सेक्टर में इन्वेस्ट करना मूर्खतापूर्ण माना जाता है, इसलिए, नवीनतम ट्रेंड का आकलन करने के बाद, फंड मैनेजर आपके फंड को विभिन्न सेक्टर्स में इन्वेस्ट करते हैं, जैसे, आईटी, इन्फ्रा, टेलीकॉम, हेल्थकेयर आदि. इससे जोखिम को नियंत्रित करना सुनिश्चित होता है, क्योंकि सभी सेक्टर या स्टॉक निर्धारित समय में, एक ही तरह से, एक ही अनुपात में लाभदायक साबित नहीं हो सकते हैं. इसलिए, धन का विभाजन पूरे फंड को संतुलित करता है. इसके अलावा, यह भी जानें कि मार्केट में विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड हैं और इन्वेस्टमेंट के उद्देश्य के अनुसार, उनके मूल निवेश के आधार पर इनका वर्गीकरण किया जाता है, लेकिन मुख्य रूप से म्यूचुअल फंड की 4 मुख्य श्रेणियां हैं, जिनमें बांड या फिक्स्ड इनकम फंड, स्टॉक या इक्विटी फंड, मनी मार्केट फंड और हाइब्रिड फंड शामिल हैं.
आइए, अब जानते हैं कि आपके 5 दोस्तों में से प्रत्येक को कितनी यूनिट मिलेगी, और उनका एनएवी (नेट एसेट वैल्यू) कितना होगा? इसे ऐसे समझें कि प्रत्येक व्यक्ति, अलग-अलग राशि इन्वेस्ट करना चाहता है, इस हिसाब से प्रत्येक इन्वेस्टर को म्यूचुअल फंड में अलग-अलग यूनिट प्राप्त होगी और आपके 5 दोस्तों के समूह में सभी को यूनिट होल्डर कहा जाएगा. इसी तरह स्कीम में पैसे इन्वेस्ट करने के बाद, आप में से प्रत्येक को यूनिट आवंटित किया जाता है. प्रत्येक यूनिट की वैल्यू को एनएवी कहा जाता है और यह प्रति यूनिट के वर्तमान मार्केट वैल्यू को दर्शाता है. जब कोई इन्वेस्टर, फंड में इन्वेस्ट करता है, तो वह वास्तव में एनएवी प्राइस पर फंड की यूनिट खरीदता है. कोई इन्वेस्टर कितनी यूनिट खरीद सकता है, वह प्रत्येक यूनिट के एनएवी और इन्वेस्टमेंट की कुल राशि पर निर्भर करता है. इस प्रकार प्रति यूनिट एनएवी की गणना, किसी स्कीम की सिक्योरिटीज़ की मार्केट वैल्यू के आधार पर की जाती है, जिसमें कुल रिकरिंग खर्च को कम घटाया जाता है और अगर स्कीम किसी विशेष तिथि पर निर्धारित है, तो यूनिट की कुल संख्या से इसे विभाजित किया जाता है. क्योंकि इस सिक्योरिटीज़ की मार्केट वैल्यू में हर दिन बदलाव होता है, इसलिए स्कीम का एनएवी भी अलग-अलग होता है.
अब जबकि आप जान गए हैं कि म्यूचुअल फंड क्या हैं और
म्यूचुअल फंड एनएवी क्या है, तो आपको यह भी जानना चाहिए कि कौन सी स्कीम आपके लिए सबसे अच्छी होगी और आप ऐसा करने की योजना बनाते समय, अपने स्कीम से संबंधित दस्तावेज़ों को ध्यान से पढ़ें
डिस्क्लेमर
यहां दी गई जानकारी केवल सामान्य पढ़ने के उद्देश्य से है तथा यहां व्यक्त किए गए विचार केवल राय हैं और इसलिए इन्हें पाठकों के लिए दिशानिर्देश, सिफारिश या प्रोफेशनल गाइड के रूप में नहीं माना जा सकता है. इंडस्ट्री और मार्केट से संबंधित कुछ तथ्य और सांख्यिकीय जानकारी (ऐतिहासिक और अनुमानित) स्वतंत्र थर्ड पार्टी स्रोतों से प्राप्त की गई हैं, जिन्हें विश्वसनीय समझा जाता है. यहां यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि, क्योंकि एनएएम इंडिया (पूर्व में रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड) ने ऐसी जानकारी या डेटा की सटीकता या प्रामाणिकता को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया है, या इस मामले में ऐसे डेटा और जानकारी को प्रोसेस या प्राप्त की गई धारणाओं के उचित होने का सत्यापन नहीं किया है; इसलिए एनएएम इंडिया (पूर्व में रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड) ऐसे डेटा और जानकारी की सटीकता या प्रामाणिकता के लिए किसी भी तरह से ज़िम्मेदार या उत्तरदाई नहीं है. इस सामग्री में शामिल कुछ स्टेटमेंट और दावे एनएएम इंडिया (पहले रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड) के विचार या राय दर्शा सकते हैं, जो इस तरह के डेटा या जानकारी के आधार पर बनाए गए हों.
कोई भी निवेश करने से पहले, पाठकों को एक सूचित निवेश निर्णय पर पहुंचने के लिए स्वतंत्र पेशेवर सलाह प्राप्त करने और सभी सामग्रियों का सत्यापन करने की सलाह दी जाती है. कोई भी प्रायोजक, इन्वेस्टमेंट मैनेजर, ट्रस्टी, उनसे संबंधित निदेशक, कर्मचारी, सहयोगी या प्रतिनिधि इस सामग्री में निहित जानकारी से उत्पन्न होने वाली हानि सहित, किसी भी प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष, विशेष, आकस्मिक, परिणामी, दंडात्मक या अनुकरणीय क्षति के लिए किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं होंगे.
म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिमों के अधीन हैं, स्कीम से जुड़े सभी दस्तावेज़ों को ध्यान से पढ़ें.