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डेट फंड से जुड़े जोखिम क्या हैं?

आपने अक्सर सुना होगा कि डेट फंड में न के बराबर जोखिम होता है, लेकिन यह तथ्य सही नहीं है. जरा सोचिए, क्या कोई भी निवेश पूरी तरह से जोखिम मुक्त हो सकता है?? ऐसा होना बहुत मुश्किल है. बात सिर्फ इतनी है कि हर निवेश के मामले में जोखिमों की डिग्री और प्रकृति अलग-अलग होती है. कोई निवेश सिर्फ स्टॉक से संबंधित न होने के कारण जोखिम मुक्त नहीं हो सकता है. हालांकि डेट फंड के मामले में इक्विटी की तुलना में अपेक्षाकृत कम जोखिम होता है. इन जोखिमों की प्रकृति को समझने के लिए, पहले हम समझते हैं कि डेट फंड कैसे काम करते हैं.

डेट म्यूचुअल फंड में जोखिम होने के कारण क्या हैं?

जब आप डेट फंड की यूनिट खरीदते हैं, तो इसका मतलब होता है कि आपने सरकार या कॉर्पोरेट को पैसे उधार दिए हैं. कैसे? हम आपको समझाते हैं. जब इन निकायों को पैसों की आवश्यकता होती है, तो वे एक निश्चित मेच्योरिटी अवधि और एक निश्चित ब्याज दर के साथ बॉन्ड और अन्य फिक्स्ड-इनकम इंस्ट्रूमेंट जारी करते हैं. ये सिक्योरिटीज़ आपके जैसे निवेशकों द्वारा खरीदी जाती हैं और आपके द्वारा भुगतान की गई राशि का उपयोग इन निकायों द्वारा उनकी शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म लिक्विडिटी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता है.

तब ये बॉन्ड, फंड के निवेश उद्देश्यों के अनुसार या फंड मैनेजर के निर्णय के अनुसार या तो मेच्योरिटी तक होल्ड किए जाते हैं या फिर मार्केट में ट्रेड किए जाते हैं. अब, किसी अन्य लेंडिंग/उधार ट्रांज़ैक्शन की तरह, डेट फंड की खरीद में भी जोखिम हो सकते हैं. क्योंकि आखिरकार यह एक ब्याज प्रदान करने वाली सिक्योरिटी है जिसे मार्केट में ट्रेड किया जा रहा है. डेट फंड को प्रभावित करने वाले माइक्रो/मैक्रो-इकोनॉमिक कारक होते हैं, जैसे कि ब्याज दर में उतार-चढ़ाव, इन निकायों द्वारा लोन का पुनर्भुगतान न किए जा सकने की संभावनाएं बन जाना या इन सिक्योरिटीज़ को खरीदने या बेचने के लिए मार्केट में पर्याप्त लिक्विडिटी न होना. कारक कई हो सकते हैं, लेकिन एक निवेशक के रूप में आपको बस ये देखना होता है कि आपका रिस्क-रिवॉर्ड रेशियो उपयुक्त है या नहीं, अर्थात डेट फंड में लिए गए जोखिम के लिए आपको मिलने वाले रिटर्न के लिए लाभदायक हैं या नहीं. इसके अलावा, यह आपकी जोखिम लेने की क्षमता से भी मेल खाना चाहिए.

डेट फंड में कौन से जोखिम होते हैं?

ब्याज दर जोखिम

ये जोखिम मार्केट में ब्याज दर और बॉन्ड की कीमत के बीच नकारात्मक सह-संबंध (नेगेटिव को-रिलेशन) के कारण पैदा होते हैं. जब ब्याज दर बढ़ती है तो बॉन्ड की कीमत कम होती है, इसी प्रकार इसके विपरीत होता है. यह बॉन्ड की मेच्योरिटी अवधि पर भी निर्भर करता है. मेच्योरिटी अवधि जितनी अधिक लंबी होगी, आपका बॉन्ड ब्याज दर में उतार-चढ़ाव के उतने ही अधिक संपर्क में आएगा. इसलिए, लो-ड्यूरेशन डेट फंड को कम जोखिम वाले डेट म्यूचुअल फंड माना जाता है.

उदाहरण के लिए, मान लेते हैं कि आपने 10 वर्ष की मेच्योरिटी वाले बॉन्ड में निवेश किया है और इसमें आपको 10% की दर से ब्याज मिलता है. अब अगर आप इसमें ₹ 10,000 निवेश करते हैं, तो आदर्श रूप से आपको 10 वर्ष तक हर वर्ष के अंत में ₹ 1000 की राशि मिलेगी, और अंतिम वर्ष में, आपको अपनी मूलधन राशि ₹ 10,000 वापस मिल जाएगी. बॉन्ड इस तरह काम करते हैं. लेकिन अब मान लें कि ब्याज दर 8% तक गिर गई. अब, चूंकि आपका बॉन्ड 10% की उच्च ब्याज दर प्रदान करता है, इसलिए इसकी मांग बढ़ जाती है और इसलिए, बॉन्ड की कीमत भी बढ़ जाती है. इस मामले में, आपको उसी संख्या में यूनिट खरीदने के लिए अधिक पैसा खर्च करना होगा. तो आपने देखा कि चूंकि यहां पर आपकी सिक्योरिटीज़ लगातार मार्केट में ट्रेड हो रही है, इसलिए ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव के कारण आपको जोखिम का सामना करना पड़ता है

क्रेडिट रिस्क

यहां पर आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आप एक तरह से किसी को पैसे उधार दे रहे हैं. और जब भी आप उधार देते हैं, इस बात की थोड़ी बहुत संभावना बनी रहती है कि आपका पैसा डूब जाएगा. आप जिस निकाय को यह उधार दे रहे हैं, उसकी क्रेडिट पुनर्भुगतान क्षमता से संबंधित यह जोखिम क्रेडिट जोखिम कहलाता है. यह क्षमता 'क्रेडिट रेटिंग' नामक उपाय द्वारा निर्धारित की जाती है, और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां जैसे क्रिसिल, आईसीआरए आदि इस क्षमता को रेटिंग देते हैं. क्रेडिट रेटिंग उच्च होने का मतलब है कि संबंधित निकाय की पुनर्भुगतान की क्षमता अधिक है, इसलिए आपका निवेश सुरक्षित है. क्रेडिट रेटिंग को और अधिक समझें Here

यहां पर आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि समय के साथ क्रेडिट रेटिंग भी बदल सकती है. अगर ऐसा होता है, तो फंड मैनेजर जो डेट सिक्योरिटीज़ होल्ड कर रहा है, उनकी वैल्यू भी कम हो जाती है और इससे फंड प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकता है.

लिक्विडिटी से जुड़े जोखिम

अगर आपके म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में शामिल सिक्योरिटीज़ में अक्सर ट्रेडिंग नहीं होती है या उनकी मांग कम होती है, तो मेच्योरिटी से पहले इन्हें बेचने की आवश्यकता पड़ने पर, फंड मैनेजर को इन सिक्योरिटीज़ को नुकसान में बेचने पर मजबूर होना पड़ सकता है.

तो इन जोखिमों के लिए आपका नजरिया क्या होना चाहिए?

तो क्या आपको डेट फंड में निवेश करना बंद कर देना चाहिए?? बिल्कुल नहीं! अगर ये फंड आपके निवेश के उद्देश्यों के अनुसार हैं, तो आपको ज़रूर निवेश करना चाहिए. इन जोखिमों के होने की संभावना इस बात में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि आपको कैसे रिटर्न मिलेंगे. और किसी भी निवेश के लिए, आपको पहले अपने जोखिम का आकलन कर लेना चाहिए. उदाहरण के लिए, अधिकांश निवेशक जानते हैं कि इक्विटी म्यूचुअल फंड में डेट म्यूचुअल फंड से अधिक जोखिम होता है. लेकिन क्या इन लोगों ने इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना बंद कर दिया?? नहीं. क्योंकि जोखिम अधिक है तो बेहतर रिटर्न प्राप्त करने की संभावना भी अधिक है.

अगर आप डेट फंड में निवेश करने के लाभों को देखें, तो इनसे जुड़े जोखिम आपको परेशान नहीं करेंगे. उदाहरण के लिए, डेट फंड की कुछ विशेषताओं पर विचार करें - जैसे कि उनकी लिक्विडिटी, डेट फंड पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स पर इंडेक्सेशन लाभ, इक्विटी की तुलना में अपेक्षाकृत स्थिर रिटर्न उत्पन्न करने की क्षमता या ऐसे मार्केट में निवेश करने के अवसर जिसमें आप अन्यथा निवेश नहीं कर पाते आदि. ये विशेषताएं डेट फंड को निवेश के लिए विचार करने योग्य विकल्प बनाती हैं! डेट म्यूचुअल फंड के लाभों के बारे में अधिक जानें Here

यहां दी गई जानकारी सामान्य तौर पर केवल पढ़ने के लिए है. यहां व्यक्त किए गए विचार केवल राय हैं. इसलिए, इन्हें पाठकों के लिए दिशानिर्देश, सुझाव या प्रोफेशनल मार्गदर्शक के रूप में नहीं माना जा सकता है. ये डॉक्यूमेंट सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी, आंतरिक रूप से तैयार किए गए डेटा और अन्य विश्वसनीय स्रोतों के आधार पर तैयार किए गए हैं. स्पॉन्सर, इन्वेस्टमेंट मैनेजर, ट्रस्टी या उनका कोई भी डायरेक्टर, कर्मचारी, सहयोगी या प्रतिनिधि ("संस्थाएं और उनके सहयोगी") ऐसी किसी जानकारी के सटीक होने, पूरी होने, पर्याप्त होने और भरोसेमंद होने की कोई ज़िम्मेदारी या वारंटी नहीं नहीं लेते हैं. यह जानकारी पाने वालों को सलाह दी जाती है कि वे अपने विश्लेषण, व्याख्या और जांच पर ही भरोसा करें. पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे इन्वेस्टमेंट से जुड़ा निर्णय सोच-समझकर लेने के लिए, किसी स्वतंत्र प्रोफेशनल की सलाह लें. इस कॉन्टेंट को तैयार करने या जारी करने में शामिल व्यक्तियों के साथ-साथ संस्थाएं और उनके सहयोगी किसी भी ऐसे प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष, विशेष, आकस्मिक, परिणामी, दंडात्मक या किसी अन्य नुकसान के लिए ज़िम्मेदार नहीं होंगे. इस कॉन्टेंट में निहित जानकारी से होने वाले लाभ के नुकसान के, कारण भी शामिल हैं. केवल प्राप्तकर्ता, इस डॉक्यूमेंट के आधार पर लिए गए किसी भी निर्णय के लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार होंगे.

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